Farhan Zuberi

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मुस्कुरा रहा हूं -26-Mar-2022

मुस्कुरा रहा हूं तो सब सोचते हैं बहुत ख़ुश हूं मैं,
ये नहीं जानते कि कितना टूटा हुआ और मजबूर हूं मैं,
वो लिख देते हैं जो चाहते हैं मुक़दमा मुझपर,
और लोग कहते हैं कि बहुत मशहूर हूं मैं।

सोचता हूं कि अब ना बोलूंगा मैं,
ज़ुल्म के ख़िलाफ़ लब ना खोलूंगा मैं,
रूह कांपती है दिल रोता है,
बिना बोले कैसे जिंदा रह लूंगा मैं।

अपनी मां को बहुत रुलाता हूं मैं,
क्युकी हुकुमत के ख़िलाफ़ बोल जाता हूं मैं,
मुझे मालूम है हमारे मुल्क में सच बोलने की सज़ा,
इसलिए ही तो जेल भेज दिया जाता हूं मैं।

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9 Comments

Fareha Sameen

29-Mar-2022 06:18 PM

Acha likha h

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Haaya meer

27-Mar-2022 02:24 PM

बहुत खूब

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Simran Bhagat

27-Mar-2022 10:23 AM

Nice

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